ऐसा लगता है भारत की मुख्य समस्याओं में सबसे ऊपर मन्दिर-मस्जिद समस्या है दूसरे स्थान पर छोटे लिंग की समस्या है। यकीन नहीं आता है तो किसी भी शहर में जाकर देखिए बड़े बड़े इश्तिहार इसी पर मिलेंगे। सरेआम रँगी पड़ी दीवारें और बिल्डिंगे है ।
इसके अलावा भारत के किसी भी कोने में वैद्य जी मिल जाएंगे। इस महंगाई के जमाने में भी नाड़ी देखने की फीस मात्र 20 रुपये में।
चाहे आप भोपाल में हो, या फिर लखनऊ, प्रयागराज, बनारस, पटना, गोरखपुर, फैजाबाद, मऊ। या सतना, इटारसी, जबलपुर,कटनी। या मुरादाबाद , गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, शहाजहांपुर । या बरेली, आगरा, भरतपुर, अजमेर या भीलवाड़ा। रोहतक , भीवाडी या जयपुर। रांची, टाटा , बोकारो या धनबाद।
हर जगह इनकी उपलब्धता है।
आप स्वयं देख लें।
अलीगढ़
फिरोजाबाद
मुरादाबाद
कानपुर की इस सुंदर सी तस्वीर में डॉ शुक्ला नहीं लिखा होता तो ये लंदन से कम नहीं होता।
सतना
अमरोहा
मुझे ये बात समझ नहीं आयी कि देश इतनी बड़ी समस्या से जूझ रहा है और आबादी की वृद्धि दर में हम दुनिया में सबसे आगे भी हैं।
आप ट्रेन से भारत के किसी भी कोने में सफ़र कर रहे हो, आपको शहर के 5 किमी० पहले से उस शहर के बारे में पता चल जाएगा, क्योंकि इनके इश्तिहार से रंगी पड़ी दीवारें आपको उस शहर का परिचय बता देंगी।
फोटो सोर्स : गुगल।
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